पास्का पर्व का केंद्र बिन्दु पुनर्जीवित प्रभु येसु है, जिसने मृत्यु पर विजय पायी। मसीही लोगों के लिए पुनर्जीवित प्रभु ख्रीस्त, जीवन की नई उम्मीद और प्रेम का प्रतीक है। यह महापर्व हमें याद दिलाता है कि हमेशा अंधेरे के बाद उजाला होता है और हमेशा दुःख के बाद खुशी आती है। यह हमें याद दिलाता है कि प्रेम हमेशा जीतता है, चाहे कितनी भी कठिनाईयां क्यों न हो। इस सच्चे प्रेम एक विशेषता है और वह है छमा अर्थात दूसरों हमेशा माफ करना जैसे प्रभु ने अपने मरण से पहले सभों को माफ किया “हे पिता इन्हें छमा कर, कयोंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहें हैं”।
जहाँ छमा है वहीं सच्चा प्रेम है। आइए हम अपने दिलों में प्रेम और उम्मीद को जगाएं और दूसरों के प्रति करुणा और दया दिखाएं जैसे प्रभु येसु ने किया। आइए हम अपने जीवन में नई शुरुआत करें, प्रेम और खुशी के साथ।