परीक्षा में बुर्के और हिजाब पर लगे प्रतिबंध
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता बिजय चौरसिया ने झारखंड सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने मांग की कि राज्य में सभी परीक्षाएं निर्धारित स्कूल ड्रेस में ही कराई जाएं और बुर्के-हिजाब पर प्रतिबंध लगाया जाए।
परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता अनिवार्य
चौरसिया ने कहा कि परीक्षाओं में सुचिता और पारदर्शिता हर हाल में सुनिश्चित होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को आगाह किया कि वे किसी भी दबाव में आकर तुष्टिकरण की नीति न अपनाएं।
राज्य सरकार पर समुदाय विशेष को खुश करने का आरोप
बिजय चौरसिया ने आरोप लगाया कि सरकार समुदाय विशेष के दबाव में काम कर रही है, जिससे परीक्षाओं की निष्पक्षता प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ बंद करना चाहिए।
गिरिडीह के परीक्षा केंद्र में हुआ बुर्का विवाद
गिरिडीह के जमुआ प्रखंड स्थित जेपीके कॉलेज भंडारों में परीक्षा के दौरान बुर्का पहनने को लेकर विवाद हुआ था। परीक्षा केंद्राधीक्षक मिथिलेश कुमार मिश्रा को हटाए जाने को भाजपा प्रवक्ता ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि साजिशकर्ता शिक्षकों सज्जाद अंसारी और मो. असगर अंसारी के इशारे पर केंद्राधीक्षक को हटाया गया।
साजिशकर्ताओं पर हो कार्रवाई
भाजपा प्रवक्ता ने मांग की कि इन दोनों शिक्षकों पर तत्काल कार्रवाई की जाए और अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन कर रहे केंद्राधीक्षक को बहाल किया जाए।
रिपोर्ट में मिली केंद्राधीक्षक के पक्ष में गवाही
खोरीमहुआ एसडीएम द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच समिति (जिसमें जमुआ बीडीओ, जमुआ बीईईओ और पंचायतीराज पदाधिकारी शामिल थे) की रिपोर्ट में कहा गया कि केंद्राधीक्षक मिथिलेश कुमार मिश्रा की निगरानी में परीक्षाएं सुचारू रूप से संचालित हो रही थीं। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि परीक्षार्थियों की पहचान एडमिट कार्ड से की जा रही थी और इस पर किसी भी परीक्षार्थी या अभिभावक ने कोई आपत्ति नहीं जताई।
शिक्षकों पर साजिश का आरोप
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि शिक्षक सज्जाद अंसारी और मो. असगर अंसारी ने परीक्षार्थियों को बुर्का न हटाने के लिए उकसाया और परीक्षा केंद्र के नियमों का उल्लंघन करते हुए मोबाइल से वीडियो बनाकर उसे वायरल किया।
सरकार की कार्रवाई पर सवाल
बिजय चौरसिया ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि रिपोर्ट में दोषी पाए गए शिक्षकों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जबकि कर्तव्यनिष्ठ केंद्राधीक्षक को ही हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि इससे ईमानदारी से काम करने वाले शिक्षकों में गलत संदेश गया है।
भाजपा की मांग
भाजपा ने झारखंड सरकार से मांग की है कि दोषी शिक्षकों पर तुरंत कार्रवाई की जाए और परीक्षा संचालन अधिनियम के तहत काम करने वाले केंद्राधीक्षक को पुनः नियुक्त किया जाए।