LOKSABHA ELECTION JHARKHAND RANCHI NEWS MONITOR RAHUL GANDHI ULGULAN NYAY MAHARALLY

क्या BJP इंडिया गठबंधन की उलगुलान महारैली से घबरा गई है !

झारखंड/बिहार ताज़ा ख़बर राष्ट्रीय ख़बर विधानसभा चुनाव

क्या इंडिया गठबंधन की आज होने वाली उलगुलान न्याय महारैली से भाजपा घबरा गई है। क्या बीजेपी को यह डर सताने लगा है कि, इस मंच से चुनावी फिजा बदल सकती है। क्या बीजेपी को लगता है कि, अगर इंडिया गठबंधन के बड़े नेता रांची में चुनावी सभा करेंगे तो उनका चुनावी समीकरण गड़बड़ा सकता है। दरअसल, बीजेपी की ओर से कल देर शाम चुनाव आयोग को एक शिकायत दर्ज की गई है जिसमें उलगुलान न्याय महारैली में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की बात कही गई है।

बीजेपी की तरफ से विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सुधीर श्रीवास्तव और न्यायिक मामले के सह प्रमुख प्रकाश झा ने बताया कि, इंडिया गठबंधन की सहयोगी पार्टी ने झंडा बैनर का बैनर पोस्टर लगाया है। यह आचार संहिता

का उल्लंघन है। सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि, सार्वजनिक संपत्ति विरूपण एक्ट 1987 अभी रांची में प्रभावी है। क्योंकि यहां पर अभी चुनाव अधिसूचना जारी नहीं हुआ है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति किसी पार्टी का झंडा बैनर अपने घर या सार्वजनिक जगह पर नहीं लग सकता है। अधिसूचना जारी होने के बाद व्यक्ति अपने घर और सार्वजनिक जगह पर झंडा बैनर को लगा सकता है।

इससे पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इंडिया गठबंधन की इस महारैली को लेकर तल्ख टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के लोग हिंदू विरोधी हैं और देश विरोधी भी हैं। तमाम भ्रष्टाचारी एक मंच पर जुटने लगे हैं। इससे पहले बाबूलाल मरांडी ने इंडिया गठबंधन की रैली तथा रांची में लगाए गए बैनर होर्डिंग पोस्टर में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की तस्वीर नहीं होने को लेकर आपत्ति दर्ज की थी और कहा था कि, यह सिर्फ एक परिवार का आयोजन बनकर रह गया है। हालांकि, रांची शहर में चंपई सोरेन की तस्वीर के साथ कई होर्डिंग बैनर पोस्टर नजर आए।

महारैली को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत।

दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन के लोग इस उलगुलान न्याय महारैली को मील का पत्थर बता रहे हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव और पार्टी के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य कहते हैं कि, झामुमो की स्थापना के बाद यह सबसे बड़ी रैली होने जा रही है। बाबूलाल की आपत्तियों पर उन्होंने कहा कि, वे धृतराष्ट्र बन गए हैं पहले जमीन बेचते थे अब जमीर बेचने लगे हैं।

आपको बता दें कि, इस महारैली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी के साथ ही राजद की तरफ से तेजस्वी यादव और इंडिया गठबंधन के तमाम बड़े नेता इसमें शामिल होंगे। हेमंत सोरेन की गैर मौजूदगी में उनकी धर्मपत्नी कल्पना सोरेन ने इस पूरी तैयारी का मोर्चा संभाला है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा की माने तो इस महारैली में न सिर्फ झारखंड बल्कि बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा राज्य से भी पार्टी के कार्यकर्ता शामिल होंगे। कल्पना सोरेन के लिए यह आयोजन बेहद महत्वपूर्ण है। क्योंकि उनके राजनीति में इंट्री के बाद ये ये बड़ा कार्यक्रम होने जा रहा है। हेमंत सोरेन की गैर मौजूदगी में कल्पना सोरेन के लिए भी यह चुनौती बनकर सामने आया है। बहरहाल, देखने वाली बात यह होगी कि इस महारैली के मंच से झारखंड की सवा तीन करोड़ जनता के लिए क्या कुछ कहा जाता है। या ये आयोजन सिर्फ राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप के बीच ही सीमित कर रह जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *